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सिर्फ एक तस्वीर ने शाहरुख को दिल्ली दंगे का 'खलनायक' बना दिया। दंगों के दौरान 25 फरवरी को वह जाफराबाद के इलाके में दिल्ली पुलिस के जवान दीपक दहिया पर पिस्तौल ताने दिख गया था। इसके बाद उसकी फोटो और कुछ वीडियोज मीडिया में तैरने लगे थे। सोशल मीडिया पर उसे खलनायक की तरह पेश किया जाने लगा।
लेकिन मंगलवार को दिल्ली पुलिस ने उसे अपनी गिरफ्त में तो ले लिया, लेकिन अब पुलिस के पास उसके खिलाफ कहने को कुछ नहीं है। उसका अभी तक न तो कोई आपराधिक प्रोफाइल मिला है और न ही हिंसा के दौरान किसी व्यक्ति को चोट लगने की बात अभी तक सामने आई है। हिंसा के लिए उसे उकसाया गया था या वह किसी गैंग से जुड़ा था, इसके भी किसी तरह के सबूत सामने नहीं आए हैं
अवैध हथियार अपने पास रखने और संगीन परिस्थितियों में खुले में फायर करने के उसके अपराध को नजरअंदाज बिल्कुल नहीं किया जा सकता, लेकिन अभी तक यह साफ हो गया है कि वह उस तरह का 'अपराधी' नहीं है जैसा कि सोशल मीडिया में उसे अब तक पेश किया जाता रहा है। हालांकि उससे जुड़े कई पक्षों पर पुलिस की तहकीकात अभी भी जारी है।